राधा-कृष्ण
प्रेम की युगल मूर्ती श्री राधा श्री कृष्ण जिन्हें भक्त नित्य जपते हैं, गाते हैं, जिनसे भक्ति साहित्य भरा पड़ा है जो ब्रज भूमि के प्राण हैं उनका अध्यात्मिक रहस्य क्या है इसका विचार आवश्यक है. कथा साहित्य ने इनके वास्तविक स्वररूप को छिपा दिया है. श्री कृष्ण चरित्र में राधा, योगमाया, माया और संकर्षण यह चार महत्वपूर्ण शब्द आये हैं.
श्री कृष्ण पूर्ण विशुद्ध ज्ञान के अवतार हैं, पूर्ण ज्ञान शरीर कृष्ण रूप में अवतरित हुआ. परमात्मा की ज्ञान शक्ति राधाजी हैं, योगमाया ईश्वर की क्रिया शक्ति है, माया अज्ञान एवम क्रिया शक्ति का समूह है. संकर्षण जीव शक्ति के लिए प्रयुक्त हुआ है, जिसे गीता में परा प्रकृति कहा है. जीव ज्ञान शक्ति का सहारा लेकर ही परमबोध को प्राप्त होता है, यही राधा जी की भक्ति व कृपा है.
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