Monday, 11 July 2011

GYAN – VIGYAN GENETICS OF 2200

GYAN VIGYAN    GENETICS OF 2200

जड़ चेतन के योग को आधुनिक विज्ञान जीव (LIFE) मानता है.
जीव चेतना नहीं है, चेतना जीव का परिणाम है. जीव क्या है? जीव स्वयं में पूर्ण ज्ञान का molecule है.

महाभारत में एक प्रसंग है कि संसार में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है? मनुष्य दूसरे को मरते देखता है पर स्वयं अमर रहना चाहता है. अमरत्व की खोज मनुष्य आदिम युग से करता रहा है ओर इसी के परिणाम स्वरूप अनेक ओषधियों की खोज हुई. दीर्घ जीवन का उपाय खोजा गया. अनेक दीर्घ जीवी इस पृथवी में हुए तो सप्त महापुरुषों में श्री हनुमान आदि को पृथ्वी की आयु तक जीवन का वरदान है परन्तु अमर कोई न है न कोई होगा.  
आज सम्पूर्ण जीव विज्ञान अमरत्व की खोज में लगा है. कृत्रिम जीव का निर्माण इस ओर चलने की महत्व पूर्ण प्रक्रिया मानी जा रही है. वर्तमान विज्ञान, पदार्थ विज्ञान है. पदार्थ जड़ है और अनकूल परिस्तिथि मिलने पर उसमें चेतना का संचार होता है इस जड़ चेतन के योग को आधुनिक विज्ञान जीव (LIFE) मानता है.
जीव चेतना नहीं है, चेतना जीव का परिणाम है. जीव क्या है? जीव स्वयं में पूर्ण ज्ञान का molecule है.ज्ञान का अर्थ है absolute knowledge,wisdom and intelligence और यह सम्पूर्ण सृष्टि में पदार्थ(matter) अथवा radient energy के साथ ओत प्रोत (mixed) है.
इस ज्ञान को मस्तिष्क के सिस्टम, उसकी तरंगों से भी जाना जा सकता है. ज्ञान जड़ में चेतना का संचार करता है और जीवन दिखायी देता है और जब ज्ञान का यह  संचरण break हो जाता है तो मृत्यु दिखायी देती है. इसी प्रकार ज्ञान में हलचल न होने से पदार्थ दिखायी देता है. आधुनिक विज्ञान कहता है पदार्थ पदार्थ में मिल गया भविष्य का विज्ञान कहेगा ज्ञान ज्ञान में मिल गया. फिर जितना और जेसा ज्ञान गया वैसा लोटता है. फिर और अधिक ज्ञान प्राप्त करता है. यही अंश से absolute Gyan की यात्रा है. यही पूर्ण विकास कि यात्रा है.
 विज्ञान का यह भी नियम है कि absolute यथार्थ में नहीं पाया जा सकता है अतः अमरत्व असंभव  है. हाँ जीवन को हजारों वर्षों का किया जा सकता है. ज्ञान के बढने से आयु लंबी हुई है और भविष्य में हजारों वर्ष की होगी. अतः कृत्रिम रूप से चेतना (लाइफ) को पैदा किया जा सकता है क्योंकि जीवन का श्रोत ज्ञान हर जगह मौजूद है. यही भविष्य की GENETICS का आधार होगा.

No comments:

Post a Comment